The Greatest Guide To sidh kunjika



देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

Attract a line from the Sahasrara. For the junction where by the eyes, ears, nose and mouth unite on that axis, that may be The situation of depth During this meditation.

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।

विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि ॥ ९ ॥

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से click here विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।

विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।

जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

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